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Results for 'न'

न काङ्क्षे...
निमित्तानि च...
निहत्य धार्तराष्ट्रान्नः...

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Adhyay


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Shloka:न काङ्क्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखानि च। किं नो राज्येन गोविन्द किं भोगैर्जीवितेन वा॥
Bhagavad Gita Reference:1.32
Mahabharata Reference:6023032
Hindi Trnaslation:हे कृष्ण ! मैं न तो विजय की इच्छा रखता हूँ और न ही राज्य तथा सुखों की लालसा ही । हे गोविन्द ! हमें ऐसे राज्य प्राप्ति से क्या लाभ है अर्थात ऐसे सुखों से और जीवन से भी क्या लाभ है ? ॥३२॥
Sandhi-split Shloka:न काङ्क्षे विजयम् कृष्ण न च राज्यम् सुखानि च किम् नः राज्येन गोविन्द किम् भोगैः जीवितेन वा
Anvayakrama:हे कृष्ण! विजयम् न , राज्यम् च सुखानि च न (काङ्क्षे) हे गोविन्द! नः राज्येन किम् भोगैः जीवितेन वा किम्॥
Bhagavad Gita Tagged Shloka:न/AN काङ्क्षे/KP विजयं/NP कृष्ण/NS न/AN च/APY राज्यम्/NP सुखानि/NP च/APY किम्/AP नः/SN राज्येन/NP गोविन्द/NS किम्/AP भोगैः/NP जीवितेन/NP वा/AVK ॥/PUNC 1.32/PUNC ॥/PUNC      Tagging scheme used


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